Translate

Sunday 5 April 2020

Srimad Bhagavad Gita Hindi, श्रीमद् भगवद्गीता यथारूप - श्रील ए.सी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद , Bhagavad Gita Yatharoop - Bhagavad Gita As It Is


श्रीमद् भगवद्गीता  यथारूप 

अनुवाद एवं तात्पर्य 

श्रील ए.सी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद 





हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे


Hari Bol !! हरि  बोल  !!





  • अध्याय 1 - कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्यनिरीक्षण


1  2  3  4  5  6  7  8  9  10

11  12  13  14  15  16  17  18  19  20

21  22  23  24  25  26  27  28  29  30


41  42  43  44  45  46



  • अध्याय 2 गीता का सार

1  2  3  4  5  6  7  8  9  10


11  12  13  14  15  16  17  18  19  20


21  22  23  24  25  26  27  28  29  30


31  32  33  34  35  36  37  38  39  40


41  42  43  44  45  46  47  48  49  50


51  52  53  54  55  56  57  58  59  60


61  62  63  64  65  66  67  68  69  70


71  72




  • अध्याय 3कर्मयोग


1  2  3  4  5  6  7  8  9  10


11  12  13  14  15  16  17  18  19  20


21  22  23  24  25  26  27  28  29  30


31  32  33  34  35  36  37  38  39  40


41  42  43  



  • अध्याय 4दिव्य ज्ञान


1  2  3  4  5  6  7  8  9  10


11  12  13  14  15  16  17  18  19  20


21  22  23  24  25  26  27  28  29  30


31  32  33  34  35  36  37  38  39  40


41  42



  • अध्याय 5 - कर्मयोग - कृष्णभावनाभावित कर्म


1  2  3  4  5  6  7  8  9  10


11  12  13  14  15  16  17  18  19  20


21  22  23  24  25  26  27  28  29


  • अध्याय 6 ध्यानयोग


1  2  3  4  5  6  7  8  9  10



11  12  13  14  15  16  17  18  19  20




21  22  23  24  25  26  27  28  29  30




31  32  33  34  35  36  37  38  39  40




41  42  43  44  45  46  47






  • अध्याय 7 - भगवद्ज्ञान


1  2  3  4  5  6  7  8  9  10


11  12  13  14  15  16  17  18  19  20


21  22  23  24  25  26  27  28  29  30



  • अध्याय 8 - भगवत्प्राप्ति

1  2  3  4  5  6  7  8  9  10



11  12  13  14  15  16  17  18  19  20




21  22  23  24  25  26  27  28






  • अध्याय 9 - परम गुह्य ज्ञान



1  2  3  4  5  6  7  8  9  10




11  12  13  14  15  16  17  18  19  20




21  22  23  24  25  26  27  28  29  30




31  32  33  34



  • अध्याय 10 - श्रीभगवान् का ऐश्वर्य

1  2  3  4  5  6  7  8  9  10


11  12  13  14  15  16  17  18  19   20


21  22  23  24  25  26  27  28  29  30


31  32  33  34  35  36  37  38  39  40


41  42



  • अध्याय 11 - विराट रूप

1  2  3  4  5  6  7  8  9  10


11  12  13  14  15  16  17  18  19   20


21  22  23  24  25  26  27  28  29  30


31  32  33  34  35  36  37  38  39  40


41  42  43  44  45  46  47  48  49  50


51  52  53  54  55




  • अध्याय 12 - भक्तियोग

1  2  3  4  5  6  7  8  9  10

11  12  13  14  15  16  17  18  19  20



  • अध्याय 13 - प्रकृति, पुरुष तथा चेतना


1  2  3  4  5  6  7  8  9  10



11  12  13  14  15  16  17  18  19  20



21  22  23  24  25  26  27  28  29  30



31  32  33  34  35






  • अध्याय 14 - प्रकृति के तीन गुण




1 2 3 4 5 6 7 8 9 10












  • अध्याय 15 - पुरुषोत्तम योग



1 2 3 4 5 6 7 8 9 10

















  • अध्याय 16 - दैवी और आसुरी स्वभाव



1 2 3 4 5 6 7 8 9 10










  • अध्याय 17 - श्रद्धा के विभाग



1  2  3  4  5  6  7  8  9  10







11  12  13  14  15  16  17  18  19  20







21  22  23  24  25  26  27  28




  • अध्याय 18 - उपसंहार - संन्यास की सिद्धि



1  2  3  4  5  6  7  8  9  10





11  12  13  14  15  16  17  18  19  20



21  22  23  24  25  26  27  28  29  30



31  32  33  34  35  36  37  38  39  40



41  42  43  44  45  46  47  48  49  50



51  52  53  54  55  56  57  58   59  60



61  62  63  64  65  66  67  68  69  70



71  72  73  74   75  76  77  78







To read a particular verse click on the number under the chapter to navigate to that verse




जय श्री कृष्ण  !!

सभी वैष्णव  जन  को हमारा दंडवत प्रणाम , आपकी प्रेरणा से भगवद गीता यथारूप ब्लॉग पूर्ण हुआ !!

राजेश प्रभु , अनिरुद्ध मोहन प्रभु और अनगिनत भक्त जिनकी कृपा से यह कार्य पूर्ण हुआ उन सबको हमारी तरफ से साधुवाद और हरि बोल  !

" परम विजयते हरि नाम संकीर्तनम "

!! निताई गौर प्रेमानन्दे हरि  हरि बोल !!


We know there are errors on this blog, Request your feedback for the same. Click Here

आपका सुझाव हमारे लिए महत्वपूर्ण है | क्लिक करें यहाँ 






<< © सर्वाधिकार सुरक्षित भक्तिवेदांत बुक ट्रस्ट >>


Note : All material used here belongs only and only to BBT .
For Spreading The Message Of Bhagavad Gita As It Is 
By Srila Prabhupada in Hindi ,This is an attempt to make it available online , 
if BBT have any objection it will be removed .



हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे