श्रीमद् भगवद्गीता यथारूप
अनुवाद एवं तात्पर्य
श्रील ए.सी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
Hari Bol !! हरि बोल !!
- अध्याय 1 - कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्यनिरीक्षण
Hari Bol !! हरि बोल !!
- अध्याय 2 - गीता का सार
- अध्याय 3 - कर्मयोग
- अध्याय 4 - दिव्य ज्ञान
- अध्याय 5 - कर्मयोग - कृष्णभावनाभावित कर्म
- अध्याय 6 - ध्यानयोग
- अध्याय 7 - भगवद्ज्ञान
- अध्याय 8 - भगवत्प्राप्ति
- अध्याय 9 - परम गुह्य ज्ञान
- अध्याय 10 - श्रीभगवान् का ऐश्वर्य
- अध्याय 14 - प्रकृति के तीन गुण
- अध्याय 17 - श्रद्धा के विभाग
- अध्याय 18 - उपसंहार - संन्यास की सिद्धि
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जय श्री कृष्ण !!
सभी वैष्णव जन को हमारा दंडवत प्रणाम , आपकी प्रेरणा से भगवद गीता यथारूप ब्लॉग पूर्ण हुआ !!
राजेश प्रभु , अनिरुद्ध मोहन प्रभु और अनगिनत भक्त जिनकी कृपा से यह कार्य पूर्ण हुआ उन सबको हमारी तरफ से साधुवाद और हरि बोल !
" परम विजयते हरि नाम संकीर्तनम "
!! निताई गौर प्रेमानन्दे हरि हरि बोल !!
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हरे कृष्ण..... दंडवत प्रणाम
ReplyDeleteप्रभु जी ये वेबसाइट कुछ समय से कार्य नहीं कर रही है मेरा करबद्ध निवेदन है की कृपया इसे ठीक करें, क्योंकि यह मेरे बहुत ही अधिक प्रयोग में आती है
हरे कृष्ण प्रभु जी ,
ReplyDeleteआप बड़े अच्छे से बिहारी जी की सेवा कर रहे हैं , तभी ठाकुर जी ने मुझे तुरंत बुद्धि प्रदान की , जिस कारण में यह वेबसाइट फिर से ठीक कर पाया ,
पहले मुझे मुझे लगा की इसमें काफी समय लगेगा , लेकिन ठाकुर जी को धुप लगते वक़्त , मुझे उन्होंने ऐसी युक्ति दी की समस्या १० मिनट में दूर हो गई |
धन्य हैं आप और ठाकुर जी के अनंत भक्त|
जय श्री कृष्ण !