Translate

Thursday 10 January 2013

अध्याय 1 श्लोक 1 - 13 , BG 1 - 13 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 1 श्लोक 13
तत्पश्चात् शंख, नगाड़े, बिगुल, तुरही तथा सींग सहसा एकसाथ बज उठे | वह समवेत स्वर अत्यन्त कोलाहलपूर्ण था |




अध्याय 1: कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्यनिरीक्षण

श्लोक 1 . 13

ततः शङ्खाश्र्च भेर्यश्र्च पणवानकगोमुखाः |
सहसैवाभ्यहन्यन्त स शब्दस्तुमुलोSभवत् || १३ ||

 
ततः – तत्पश्चात्; शङखाः – शंख; भेर्यः – बड़े-बड़े ढोल, नगाड़े; – तथा; पणव-आनक – ढोल तथा मृदंग; गोमुखाः – शृंग; सहसा – अचानक; एव – निश्चय ही; अभ्यहन्यन्त – एकसाथ बजाये गये; सः – वह; शब्दः – समवेत स्वर; तुमुलः – कोलाहलपूर्ण; अभवत् – हो गया |

भावार्थ
तत्पश्चात् शंख, नगाड़े, बिगुल, तुरही तथा सींग सहसा एकसाथ बज उठे | वह समवेत स्वर अत्यन्त कोलाहलपूर्ण था |



1  2  3  4  5  6  7  8  9  10

11  12  13  14  15  16  17  18  19  20

21  22  23  24  25  26  27  28  29  30

31  32  33  34  35  36  37  38  39  40

41  42  43  44  45  46



<< © सर्वाधिकार सुरक्षित , भक्तिवेदांत बुक ट्रस्ट >>



Note : All material used here belongs only and only to BBT .
For Spreading The Message Of Bhagavad Gita As It Is 
By Srila Prabhupada in Hindi ,This is an attempt to make it available online , 
if BBT have any objection it will be removed .

No comments:

Post a Comment

Hare Krishna !!